Sunday, July 24, 2022

कविता | मेरा जीवन | सुभद्राकुमारी चौहान | Kavita | Mera Jeevan | Subhadra Kumari Chauhan


 
मैंने हँसना सीखा है

मैं नहीं जानती रोना;

बरसा करता पल-पल पर

मेरे जीवन में सोना।


मैं अब तक जान न पाई

कैसी होती है पीडा;

हँस-हँस जीवन में

कैसे करती है चिंता क्रिडा।


जग है असार सुनती हूँ,

मुझको सुख-सार दिखाता;

मेरी आँखों के आगे

सुख का सागर लहराता।


उत्साह, उमंग निरंतर

रहते मेरे जीवन में,

उल्लास विजय का हँसता

मेरे मतवाले मन में।


आशा आलोकित करती

मेरे जीवन को प्रतिक्षण

हैं स्वर्ण-सूत्र से वलयित

मेरी असफलता के घन।


सुख-भरे सुनले बादल

रहते हैं मुझको घेरे;

विश्वास, प्रेम, साहस हैं

जीवन के साथी मेरे।


No comments:

Post a Comment

Charles Perrault

  Charles Perrault Fairy Tales The Blue Beard Little Thumb Puss in Boots The fairy The Ridiculous Wishes